यह यात्रा लखनऊ के चारबाग से दो बस्तो के साथ शुरू होती है।जिसमें मैं और मेरा साथी एक उत्साहित युवा की भांति इस यात्रा के लिए तैयार हैं, यात्रा आगे और मित्रों और नवीन यात्री अनुभव व युवा स्वप्न के तरीके चालू और खत्म होगी जिसमें धन एकमात्र साधन है जो हमें इस यात्रा के अंतिम पड़ाव तक ले जाएगा।
Lucknow to Haridwar
रात 2:00 बजे से प्रारंभ हुई है ये रेल यात्रा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अंतिम द्वार नजीबाबाद पर जाकर खत्म होती है। जहां पर हम दो मित्रों को एक और मित्र से मिलना है, लेकिन दुर्भाग्यवश इस यात्रा में हम उसे नवीन मित्र से नहीं मिल पाए और बस का सहारा लेकर हम हरिद्वार पहुंच जाते हैं। यह यात्रा अभी प्रारंभ नहीं हुई है, हम ऐसे यात्री हैं! जो सभी यात्रियों से पहले ही उस बिंदु पर पहुंच चुके हैं इसका परिणाम हमें अपनी धनराशि को खर्च करके करना पड़ेगा।
Lko-NBD Price :- 295₹
NBD to Haridwar Bus fare : 130₹
हम एक पैदल यात्री हैं, क्योंकि धन और सुविधाओं का अभाव है। लेकिन इच्छाएं अनंत गहरी और ऊंची है यही कारण हमे अपने पैरों को मजबूत करते हुए हर की पौड़ी में स्नान कराने पदचाप ले गए और यात्रा को दो दिन पहले ही प्रारंभ कर दिया गया।
हमने मां मनसा देवी, चंडी देवी और भारत माता मंदिर के साथ ही अंजना देवी के मंदिर का भी दर्शन किया यह सारी यात्राएं पानी और हमारे पैरों के द्वारा की जा रही हैं ।हम दोनों मित्रों का मानना है, कि कम दिनों में जितना ज्यादा जगह को घूम जा सकता हैं,उसको घूम लो Haridwar अब हमारे कदमों मे था, रात्रि घुमाव के बाद।
Room rent:- 450₹/day
Food and water :- 500/day
चारो तरफ़ देखे भंडारा भी मिल सकता है, चुके नहीं खाए।कम से कम 2 दिन और अधिक से अधिक 4 दिन इस जगह रह सकते हैं।
Haridwar to Rishikesh
अब हमारी इस यात्रा में कुल पांच लोग जुड़ चुके हैं जो की भयंकर यात्री नहीं है। सबके अपने अलग-अलग मत है और एक दिन में संपूर्ण हरिद्वार और ऋषिकेश घूमने की योजना घाट किनारे बना रहे हैं,जो की अंततः विफल रही।
ऋषिकेश जाने के लिए हम दो साधनों का प्रयोग कर सकते हैं एक बस व रेल साधन बस गैर सरकारी लोगों के अधीन है, सरकारी होते हुए।और रेल पकड़ने में हम विफल रहे इसलिए हमने ऑटो का सहारा लिया।
हम सभी ठंड का अनुभव करना चाहते थे पर इस यात्रा में गर्मी ही गर्मी रही मौसम हम लोगों से खुश नहीं था।
रेल से यात्रा 26k.m Price 70-120₹
Rafting का अनुभव किया और विदेशी खूबसूरतीयों को देखा ठंडे जल में मदमस्त होकर नहाया और पलटती नावों से अपने आंतरिक डर का अनुभव किया। चलते हुए हमने विभिन्न झूलों और प्रकृति से प्रेम करने वाले लोगों से मिलकर कुछ अनुभव भी साझा किया।
Auto to 20 k.m 60₹/person
यहां कम से कम तीन दिन रुकने के लायक है। और यदि आप प्रकृति प्रेमी है तो 7 से 8 दिन भी रुक सकते हैं। रात्रि के समय हमने ऋषिकेश से हरिद्वार के लिए पुन रेल यात्रा की क्योंकि हमारी पुन: दूसरी रेल हरिद्वार से काठगोदाम स्टेशन के लिए थी।
यहां रुपए खर्च और विभिन्न खेलों का अनुभव अपने मोलभाव के खेल के द्वारा तय कर सकते हैं, यहां पर सही ₹ का आकलन करना थोड़ा कठिन है।
Haridwar to Kathgodam
यह यात्रा थोड़ी सुखद रही ऋषिकेश यात्रा के मुकाबले हमारी पहले से व्यवस्थित रेल में जगह हमको अगली पैदल मार्च के लिए तैयार कर रही थी। इससे पहले इतना सुंदर रेल स्थान काठगोदाम स्टेशन मैंने नहीं देखा था, जो की चारों तरफ से पहाड़ों ,सुंदर घने जंगलों और वादियों से घिरा हुआ है। यह देखने मात्र से हमारे सभी सहयात्री प्रसन्न थे।
रेल यात्रा :-550₹/आदमी
Nainital under the Human
यहां पहुंचते ही हमने यात्रियों का इतना बड़ा झुंड देखा की मानो पड़ोसी राज्य के सभी लोग इस छोटे से शहर को अपनी गाड़ियों से लाद देंगे प्रकृति को मानो आज भी संसाधन मात्र ही समझता है, ये आदमी।
नैनीताल जितना सुंदर शहर है,उतना ही महंगा भी है। यह महंगाई की मार नहीं है यह मानव को देखकर मानव नोचने की मार है।
Bheemtaal where we stay
एक सुंदर तालाब के किनारे बसा एक महंगा प्रकृति युक्त गांव जहां कमरों की कीमत शेयर बाजार की तरह बढ़ती रहती है । वैसे वहां के रहने वालों ने बताया कि धंधा चलाने वाले लोग सिर्फ लोगों को नोचना चाहते हैं, लेकिन अब तक हम लोग अपने धन को किसी यात्री निवास को दे चुके थे।
Unknown Trak(karakot trak)
थके सहयात्री भीमताल के यात्री निवास में कुछ मित्र आराम करने लगे और कुछ ने साहस दिखाकर karakot trak ट्रैक की तरफ बढ़ चले। जिसमें मैंने जाना की पहाड़ों पर रहना कितना कठिन होता है,समतल भूमि की अपेक्षा 6500 फीट ऊंचे खड़े पहाड़ पर हम कुछ मित्रों ने चढ़ाई की जिससे हमने ठंडे पानी, साफ प्रकृति, हवा सुंदर वृक्ष और प्रकृति देवो का मंदिर देखा। हिमालयी हवा हमारे शरीर को रोमांचक बना रही थी।
सच में हम थके होते हुए भी एक रोचक दिन का आनंद लिया, यह यात्रा इसलिए भी हुई क्योंकि हम बाबा नीम करोली महाराज के मंदिर उसी दिन नहीं जा सके थे इसका कारण पड़ोसी राज्यों के लोग अत्यधिक मात्रा में आ गए थे और उस सड़क की सभी यात्राएं काफी कठिन हो गई थी।
Budvel to Baba neeb karori Maharaj
उसके अगले दिन हमने स्थाई लोगों से वहां जाने के लिए मार्ग के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने बस की यात्रा के बारे में बताया यह एक मार्गी यात्रा है, जिसमें हम बाबा के दरबार तो पहुंच गए पर आने में काफी कष्ट हुआ क्योंकि धन के लालची लोग यात्रियों से उनके अंतिम स्थान के लिए अधिक से अधिक धन प्राप्त करना चाह रहे थे।
हम पैदल लोग हाइकिंग का सहारा लेकर और कुछ चंद ₹ को खर्च कर कड़ी मेहनत के उपरांत हम अपने स्थान तक पहुंच गए। सुखद यात्रा उसे ही कहते हैं जहां पर आप अंतिम पड़ाव तक पहुंच जाए जिसमें हम सभी यात्री सफल रहे।
Room rent :- 2400₹ two people ( मोल भाव की कला पर काम ज्यादा हो सकता है। )
Food :- 400/person
Bus fare :- 20₹ budvel to maharaj
Back to Railways :- 450/
Short End :- आपकी यात्राएं सुखद हो या दुखद पर वह एक यात्रा होती है। यह आपकी यादों का वह हिस्सा है,जो की अंतिम रूप मे खुश ही करेगी चाहे कितना भी संघर्ष क्यों न हो। एक यात्री के लिए अंतिम छोर तक पहुंचना ही यात्रा कहलाता है यह यात्रा मेरे मित्रों द्वारा और मेरे लिए एक अद्भुत क्षण रहा है,इसलिए यह एक सुखद यात्रा है।
मेरे सहयात्री :- रमेश, नीतेश, दीपक और राहुल
Ati uttam dost …
Kya likha hai aapne
Last m group photo hoti to hum bhi popular ho jaate
Kya writing bhai bahut achhe se point to point batya hai
Wooow 😍 bhaiya kya gjb likhte hai aap aapke is likhne की कला पर पूर्ण सम्मोहित हो गया मैं।🥰….
Yeh first time hai jo mai kisi ke blog pr comments Kiya……… amazing 🥰🤩
.
.
…..🙏🏻🙏🏻
Fantastic bro😘😘, Line to line pura journey bta diya..ek group photo jaruri tha😍😍.Kya likha h aapne hmari yatra k sath sath apne unn sbhi muddo ko v uthaya h.
Great portrayal of our journey….nice work keep it up 🤘