Lithium Dependency Dilemma in Electric Vehicle Industry 

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Lithium एक तरीके का रासायनिक पदार्थ है जिसका प्रयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के साथ-साथ स्थानांतरण के लिए भी किया जाता है,जिससे Electric ऊर्जा का प्रस्तुत होता इसी का प्रयोग करके विश्वभर Electric Vehicle को दौड़ा रहा है,लेकिन क्या यह दोबारा उत्पन्न किया जा सकता है एक बार उपयोग करने के बाद Electric ऊर्जा उत्पन्न की जा शक्ति यही सब जानने के लिए आज इसकी चर्चा इस लेख में की जाएगी। 

आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि किस प्रकार   Lithium observation का प्रयोग कर बैटरियां तैयार की जा रही है, जिनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Electric Vehicle  उपयोग किया जा रहे हैं,ये सतत विकास के अनुकूल नहीं रखा जाता क्योंकि यह भी पेट्रोल और डीजल के तरीके ही एक ऊर्जा है। जिसे पुन प्राप्त नहीं किया जा सकता और आज नहीं तो कल यह भी समाप्त हो जाएगी इसलिए इन EV का कोई बहुत लंबा आयाम समझ में नहीं आता है। 

Lithium Observer Country

Lithium पूर्ण रूप से विदेश से आयात किया जाता है और उसका प्रयोग कर हम बैटरियों का निर्माण करते हैं और सबसे ज्यादा इसके भंडारण की बात की जाए तो यह यूरोप के देशों में और एशिया के कुछ ही जगह पर यह प्राप्त किया जाता है।

इसका कारण भौगोलिक आकृतियों और पारस्परिक आंतरिक संबंधों से ही उत्पन्न देश में ही प्राप्त किया जा रहा है। Australia, Chile, China यह कुछ देश भंडारण के मामले में संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है इन्हीं से हर देश आयात करने के उपरांत इनका निर्माण करता है और इलेक्ट्रिक वाहनों का आयाम और स्वप्न देशवासियों को दिखाया जाता है। 

Global Demand 

लिथियम बैटरी उत्पादन का एक बहुत बड़ा प्रमुख घटक है जिसका प्रयोग करके आधुनिक ELECTRIC VEHICLE वाहनों को बनाया जा रहा है।परंतु इसकी बढ़ती मांग लोगों के लिए चिंता का विषय बन रही है,क्योंकि किसी भी उत्पाद की मांग बढ़ाना एक सोचने का विषय होता है।

LITHIUM BATTERY
LITHIUM BATTERY

वैश्विक स्तर पर इस तत्व का बढ़ता आयाम और लोगों की ना पूर्ण करने वाली आपूर्ति इसको एक दिन कीमती तत्व के साथ-साथ खत्म की कगार पर भी ला देंगे अब यह देखना होगा कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों के समय इस lithium तत्व से कब तक चलते हैं। 

  • lithium भंडार एक सीमित संसाधन है क्या एक बढ़ती मांगों को पूर्ण कर पाएगा। 
  • बैटरी अनुसंधान और विकास इसके वैकल्पिक विषयों के बारे में भी सोच रहे हैं। 
  • विज्ञानिक रीसाइकलिंग प्रोसेस के बारे में भी ध्यान दे रहे हैं। 
  • Battery के अलावा और कौन स्रोत ऊर्जा के केंद्र के रूप में उभर सकते हैं। 
  • वैकल्पिक रूप में सॉलिड स्टेट और सोडियम आयन जैसी चीजों को भी बैटरी के लिए शोध में शामिल किया गया है। 
  • Glass battery, Fuel cells इन Lithium बैटरी के नवीन रूप में भी देख सकते है, ये प्रकृति के अनुकूल तो है पर महगे ज्यादा है। 

Indian and Electric Vehicle

भारत में Electric Vehicle इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा ऊर्जा विकास और प्रगति बचाव के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखना और प्रकृति में विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को बचाने के लिए इन अत्यधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है लेकिन उनके भविष्य और सुगमता के बारे में सोचना कठिन है क्योंकि आवश्यकता अगर जननी है,तो उपयोगिता उसका अंतिम आयाम है इसलिए इसकी डगर थोड़ी सी कठिन समझ में आती है। 

EV  Car
EV Car

Lithium बैट्री जरूर यहां पर बनाई जाती है पर उसमें लगने वाला यह Lithium विदेश से आयातित किया जाता है अब यह देखना है कि इस प्रकृति संरक्षण में दूसरी प्रकृति का दोहन किस प्रकार किया जा सकता है और कब तक होगा इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए सरकार और भविष्यगत कार्यक्रम कैसे आगे बढ़ेंगे यह देखना हम मानव के लिए अत्यंत जरूरी है। 

Lithium vs H2

हाइड्रोजन H2 का उपयोग करके आयात निर्यात किया जा सकता है परंतु यह इन बैट्रींयों की अपेक्षा काफी महंगा साबित होगा परंतु इस पर कई देशों ने इस ऊर्जा बदलाव में अपने हाथ आजमाएं हैं परंतु यह महंगा होने के साथ-सा द काफी इसलिए भविष्य में किस प्रकार यह वाहनों में उपयोग होगा यह देखते ही लायक होगा लेकिन इसकी उपयोगिता के बारे में वैज्ञानिक और विभिन्न देशों के चार पहिया वाहन समूह इसको भविष्यगत रूप में देख रहे हैं लेकिन अभी कुछ वर्षों तक यह बैटरियां ही अपना धूम मचाएंगे। 

Fuel cells

यह भी एक तरीके की ऊर्जा का स्रोत है जिसका प्रयोग करके ऊर्जा को उत्पन्न कर सकते हैं लेकिन यह बहुत महंगी और इसको बनाने की विधि काफी कठिन है इसलिए इसे प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है इसको सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने बनाया था जिसमें पानी से कुछ अंगों को अलग करने के उपरांत ऑक्सीजन से क्रिया करके ऊर्जा उत्पन्न की जाती है इसमें प्रोटॉन से ऊर्जा यह काफी शुद्ध और मजबूत तरीका है ऊर्जा उत्पन्न करने का Lithium की अपेक्षा यह काफी महंगा है। 

Liquid Batteries

यह एक नियमित बैटरी के तरीके ही होती है परंतु इसमें प्रयोग करने वाले तत्व अत्यंत ही घुलनशील होते हैं इसका निर्माण के बारे में बात करें तो यह ब्रिटेन विश्वविद्यालय के एक टीम ने इसको बनाया था यह एक बार चार्ज होने पर electric vehicle को अन्य ऊर्जा स्रोतों की अपेक्षा तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है इसे पेट्रोल के तरीके ही ऊर्जावान माना जाता है और इसको बनाने की सबसे बड़ी मुख्य समस्या यह है कि बहुत सारा विद्युत आवेश तरल इलेक्ट्रोलाइट को चिपचिपा बना देता है इसलिए उसे पंप करना अत्यंत ही मुश्किल हो जाता है यह इसकी सबसे बड़ी बाधा का कारण बनकर उभरता है। 

Last Word

Lithium जरूर एक मुख्य घटक और बैटरी उत्पादन का एक साधन है परंतु इस पर निर्भर रहना हर किसी के लिए आसान नहीं क्योंकि एक स्रोत पर निर्भर रहना उसे स्रोत को अंतिम पड़ा तक ले जाने का सबसे बड़ा कार्य होता Electric Vehicle जरूर आज हमारी समस्याओं का एक निजात बनाकर भर हूं लेकिन ऊर्जा विन्यास के भी हमें स्रोत खोजना चाहिए उसके लिए हमें प्रकृति वह कार्बन समस्याओं को भी अपने दिमाग में बैठकर स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों को बनाने प्रयास करना चाहिए। 

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